अपने चार बच्चों की गला रेतकर हत्या करने वाली हत्यारी मां को इच्छामृत्यु 

अपने चार बच्चों की गला रेतकर हत्या करने वाली हत्यारी मां को इच्छामृत्यु 

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  • March 5, 2023
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अपने चार बच्चों की गला रेतकर हत्या करने वाली हत्यारी मां को इच्छामृत्यु 

काराकास । कोई कैसे अपने लोगों का गला काट सकता है। लेकिन ऐसी वारदात हुई हैं, इसमें कात‍िल कोई और नहीं मां है। मां ने एक नहीं अपने ही पांच बच्‍चों का गला काट डाला। अब खुद मौत मांग ली है। मामला बेनेजुएला का है। 56 साल की जेनेवीव लेर्मिट्टे ने घर में सो रहे अपने ही पांच बच्‍चों की गला रेतकर हत्‍या कर दी। इसमें चार बेटियां और एक बेटा था। सभी की उम्र सिर्फ 3 से 14 साल के बीच थी। कत्‍ल का समय मां ने तब चुना जब बच्‍चों के प‍िता शहर से दूर थे। बाद में मां खुद को भी मार डालने की कोशिश की। शरीर पर कई बार छुरा घोंपा पर असफल रही और खुद एंबुलेंस बुलाकर अस्‍पताल में भर्ती हो गई। मामला कोर्ट पहुंचा, तब आरोपी मां को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। अधिकारियों को लगा शायद यह मानस‍िक रूप से बीमार है। इसकारण मेंटल हॉस्‍प‍िटल में भर्ती कराया। 

बीते कई वर्षों से वह खुद के लिए मौत मांग रही थी। सरकार ने उसकी बात सुनी और बीते दिनों उसकी हत्‍या कर दी गई। अभी यह स्‍पष्‍ट नहीं है कि मारने के लिए कौन सा तरीका अपनाया गया लेकिन बेल्जियम में आमतौर पर इसतरह के लोगों को एक घातक इंजेक्‍शन दिया जाता है, जिससे पलभर में ही मौत हो जाती है। 

लेर्मिट्टे के वकील निकोलस कोहेन ने बताया कि उसे असहनीय पीड़ा हो रही थी। मोंटिगनी-ले-टिलुल में लियोनार्ड डी विंची अस्पताल में उसकी इच्‍छा पूरी कर दी गई। वकील ने बताया कि बच्‍चों की मौत पर वह अंत तक अफसोस जताती रही। अंदर से इतना घुट रही थी कि तुरंत मर जाना चाहती थी। 

बेल्जियम का कानून लोगों को इच्छामृत्यु की अनुमति देता है, यदि उन्हें असहनीय मनोवैज्ञानिक से पीड़ित माना जाता है, न कि केवल शारीरिक, पीड़ा जिसे ठीक नहीं किया जा सकता है। इसके लिए व्यक्ति को अपने निर्णय के प्रति जागरूक होना चाहिए और तर्कपूर्ण और सुसंगत तरीके से अपनी इच्छा व्यक्त करने में सक्षम होना चाहिए. जेनेवीव लेर्मिट्टे के वकील ने कहा कि ये एक स्पेशल प्रोसेस है, जिसका जेनेवीव लेर्मिट्टे ने पालन किया, जिसमें अलग-अलग चिकित्सा राय को शामिल किया गया था. पिछले साल 2,966 लोगों की मृत्यु बेल्जियम में इच्छामृत्यु के माध्यम से हुई, जो 2021 की तुलना में 10 फीसदी अधिक है। इच्छा मृत्यु के मामले में कैंसर को सबसे पहला कारण बताया गया है। 

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